राष्ट्रीय जंक्शन / सोनीपत।
महर्षि दयानन्द सरस्वती का नाम भारत के उन महापुरुषों में प्रमुख है जिन्होंने अपने ज्ञान और पुरुषार्थ से देश की जनता का ना केवल तब भला क्या बल्कि उनकी शिक्षाओं को अपनाने से आज भी उन्नत समाज बन सकता है। ये विचार स्थानीय विधायक निखिल मदान ने व्यक्त किए। वे स्थानीय काठ मंडी स्थित आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे यजुर्वेद महायज्ञ के कार्यक्रम के समापन अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
वैदिक प्रवक्ता महेन्द्र कुमार शास्त्री के ब्रह्मत्व में चले महायज्ञ के अंतिम दिन अरुण दहिया-शैली, भारत-सोनिया, संदीप कुमार-निशा, प्रदीप खत्री-कविता, राजेश मलिक-पुष्पा, विजय लाकड़ा-कविता, मंदीप फोगाट-सुषमा, नितिन-लता, संदीप खत्री-सविता यजमान बने। आर्यसमाजियों ने वैदिक रीति से आयोजित महायज्ञ में आहुति देकर विश्व शांति और समस्त प्राणिमात्र के कल्याण की कामना की।
कार्यक्रम में आर्य बाल भारती स्कूल पानीपत के प्रधान आर्य रणदीप कादियान, पंचकूला के आबकारी एवं कराधान ज्वाइंट कमीश्नर अनिल कादियान भी पहुंचे जिन्होंने आर्य समाज द्वारा देश हित में किए कार्यों की सराहना की।
विधायक निखिल मदान ने कहा कि महिलाओं को भोग विलास की वस्तु समझा जाता था। उन्हें पढ़ने व पुनर्विवाह के अधिकार देने की वकालत महर्षि दयानन्द ने की थी जिससे नारी को पुरुष के समान अधिकार प्राप्त हुए। उन्होंने वेदों व मनुस्मृति को आगे रखते हुए जाति-पाति और छुआछूत में बंटे भारतीय समाज को ईश्वर की समान संतान बताया तथा समाज को एकता के सूत्र में बांधने का महान कार्य किया। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने सोते समाज को जगाते हुए उन्हें वेदों की ओर लौटने का संदेश दिया। कार्यक्रम में समाज के लिए बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। मंच का संचालन आर्य समाज के पूर्व प्रधान कपिल देव ने किया। रामनिवास आर्य ने भजनों के माध्यम से खूब वाहवाही ली।
इस अवसर पर प्रधान विजय कुमार, धर्मप्रकाश दहिया, राजपाल खत्री, प्रेम सिंह चहल, सुरेश बंसल, जयसिंह दहिया, प्राचार्य नरेंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, अशोक गोयल, राजपाल आर्य, नारायण सिंह आदि भी उपस्थित रहे।
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